मसीह का जीवन, 2
प्रत्येक मसीही को सुसमाचार के वृत्तान्तों को पढ़कर उत्तेजित होना चाहिए। यीशु के जीवन की घटनाओं को उनके समय के अनुसार क्रम में रखकर डेविड एल.रोपर हमें सीखने के अनुभव में ले जाते हैं जो यीशु के अभिलिखित जीवन के प्रत्येक भाग को दिखाता है, जिसमें उसके वचन, बातचीत और दैनिक जीवन के कार्य शामिल हैं जिसके द्वारा पाठकों को मसीह के समान जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा मिलती है। रोपर हमारे हृदयों में मसीह के जीवन को अपने पलिश्तीन के भूगोल से, लोगों के आचरण और रीति-रिवाज़ों के द्वारा, और यीशु के आस-पास के विभिन्न प्रकार के लोगों के समूह के चित्रण द्वारा, उजागर करते हैं। यह पाठ्यक्रम न केवल हमारे सामने मसीह के उस संदेश को जो उसे पिता से मिला, लेकर आता है बल्कि दृष्टि और वाणी को, जीव और निर्जीव परिस्थितियों को, रातों और दिनों को जो उसके जीवन के लिए माहौल तैयार करती हैं, इन सब को लाता है। जो कोई इस पाठ्यक्रम के लेख को ध्यान से पढ़ता है, वह वही पुराना मनुष्य बना नहीं रह सकता। ऐसा कौन है जो यीशु के साथ चलने के बाद, उसकी शिक्षाओं को सुनकर, उसे अपने समय के लोगों से बातचीत करता हुआ देखकर, और उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान का गवाह होकर भी न बदले।!